Wednesday, September 9, 2020

लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं।।

ये मोहब्बत के हादसे 

अक्सर दिलों को तोड़ देते हैं।

तुम मंजिल की बात करते हो 

लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं।।






अब यक़ीन का हाल ये बन चुका हैं के


डर घावों से नही लगावो से लगने लगा है।







वक़्त मुझे सिखा तो कई सबक़ 

रहा है धीरे धीरे 

पर अफ़सोस! 

मेरी मासूमियत छीनकर....!








अपनी जिंदगी के सलीके को 

कुछ यूँ मोड दो जो आपको

नजरअंदाज करे उसे

नजर आना ही छोड दो






मोहब्बत तो मुझे पहले भी था 
तूने छोड़कर मुझे, और भी बड़ा दिया

दिल टुटा तो क्या हुआ
मुझे तो रोना नहीं आया

और हाँ अब भी मोहब्बत करते है तुमसे
क्योंकि तूने कुछ यादों को है दिया

नहीं जानते थे हम कुछ
के कुछ हम कर सकते है
अच्छा हुआ तूने आकर
मुझे इंतज़ार करना सीखा दिया

मोहब्बत तो मुझे पहले भी था
तूने छोड़कर मुझे, और भी बड़ा दिया








जिद्द ना कर मेरी 

जिंदगी की दास्तान सुनने की

मैं हँस कर भी सुनाऊँगा

तो तुम रो पड़ोगे









किस्मत हर रोज पलटती है...

मगर किसके लिए....?

ज़िन्दगी भर का ये अंजान सफर...

मगर किसके लिए....?








 मैं मोहब्बत मिजाजी लोगों में से हूं 

मेरी नफ़रत भी लाइलाज़ सी है !







तसल्ली से सुनाएंगे किसी दिन 

दिल- ए -अरमां.....  

घर पर बोल कर आना,

तुम्हें देर हो जाएगी......







शुमार मत करना मुझे 

आजकल के आशिको में

मै उनके किस्म का नहीं हूं

मुझे तो किसी की रूह में बसना है

मोहताज में किसी के जिस्म का नहीं हूं

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