Saturday, July 10, 2021

फितरत-ए-गिरगिट इंसानों की देख, गिरगिट भी

फितरत-ए-गिरगिट इंसानों की देख, गिरगिट भी
हैरान सा है!!!
कहता है गिरगिट हवाओं से, इंसान क्यूं इतना
"बे-ईमान" सा है???
@ShayariByArsalan







सुनो,
तुम्हारे साथ बूढ़ा होना चाहता हूँ मैं.....
तुम्हारे कारण नहीं.................!!!
@ShayariByArsalan










पत्थर हैं ठोकरों से तराशे जाएँगे
मोम नहीं जो साँचे में उतर जाएँगे
@ShayariByArsalan











माज़ी की अधूरी तदबीर हो तुम
मेरे पैरों की जन्जीर हो तुम
ख्वाब में मुझे बैचेन जो कर दे
धुंधली हाँ! धुंधली सी तस्वीर हो तुम!!
@ShayariByArsalan








मोहब्बत हमारी यूं मात खा गई,
दोनो राज़ी हुए तो जात आ गई!!
@ShayariByArsalan










दूर रहो! टूट गई हूं मैं,
चुभ जाऊंगी!
@ShayariByArsalan








मोहब्बत में मिलावट पसंद नहीं हैं हमें 
अगर में ख्याल हूँ तुम्हारा तो ख्वाब भी मेरे ही आने चाहिए...
@ShayariByArsalan









कुछ दिन तो हुए है दर्द को हवा हुए,
और मौसम भी कैसा कर डरा रहा है,
आँख से आँसू सूखे नही अब तक,
के ये दुनिया हमको रुला रही है।
@ShayariByArsalan








अब पत्थर हो गया मेरा दिल भी,
मेरे आंसुओ को तमाशा बोल गया दिल के एक करीबी!!
@ShayariByArsalan









गम - ए- जुदाई के आंसुओ से भीग चुके है,
ज़ालिम ये इश्क तो बरसात निकला!!
@ShayariByArsalan