हलके में मत लेना तुम सावले रंग को.दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौक़ीन चाय के.
मिलो कभी चाय पर फिर क़िस्से बुनेंगे..तुम ख़ामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे.एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास.वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है.चाय, शायरी, और...
शौक़ीन चाय के

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Chai Shayari
Shayari For Chai