Monday, October 5, 2020

सुकून देता है

सुकून देता है
तुझसे दो पल बात करना भी,
#ShayariByArsalan









बहुत मुश्किल है तेरे ख्यालो से बाहर आना,बहुत मुश्किल है तेरे ख्वाबों से अलविदा लेना..।
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धोखा देकर यह वफा के वादे कैसे,
सब कुछ खत्म करने के बाद पास 
आने के इरादे कैसे,??
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हो सके तो इश्क से परहेज करें,

लत लग गई तो जिंदगी बर्बाद हो जाएगी......।
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रुसवाईयाँ भुलाने आया था जो ,

खुद रुसवाइयों के बहाने दे गया !!
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बस इक लम्हा दिशा तेरी ख़ुशबू का गुज़ारा हमने ,
ज़िन्दगी भर उसे  फिर दिल में  संवारा हमने ,

जब भी यादों ने ख़्वाबों से जगाया है हमें ,
ले के होंठों पे हँसी दिशा तुमको  पुकारा हमने ,

कोई कहता हमें पागल तो दीवाना भी कोई ,
किया दुनिया का यूँ हँसना भी गंवारा हमने ,

वक़्त चलता गया पानी के नज़ारों की तरह ,
चाहे कितना किया कश्ती से  किनारा हमने ,

याद है शाम वो  ठहरी दिशा तेरी  पहली वो नज़र ,
तब से खोया है  हर इक साँस हमारा हमने ..... 
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लकीरों से चूक गए ,
दिशा....
वरना इश्क़ कमाल का था ...
#ShayariByArsalan









लम्हो में किरदार बदल जाते है..

अब लोग रिश्ते उम्र भर कहाँ निभाते है.. 
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सुना है अधूरे ख्वाब बून रहे है ...., 

          मेरे बिना वो आजकल !!

पहले भी तो कोनसा मेरा 
   
 उनके ख्वाबो में ठिकाना रहता था !!
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बिखरे हुए सपने और एक टूटा अरमान देखा था, जब मैने झांक कर अपने अंदर देखा था....।
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 इन मीठी सी हवाओ में 

सुर्खिया तेरी मिलती है 

कुछ हल्की सी बूंदो संग 

तेरे पैगाम सुनाती है !!
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 मुसाफ़िर हुँ उस मंजिल का 

    जिस मंजिल की वो राह है 

वो मछली है तैरते पानी की 

     मेरा रुतबा उसके सामने जैसे 
 
डूबी हुई नाव है  !!
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 इतना सस्ता भी ना हो ए दिल ,

किसी के भी बातों में हार जाएगा !
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वो हमारी गुलाबी रंगत का  राज़ पूछते है...

कैसे कहें रगो में खून कम वो ज़्यादा है...








तुम हो जहाँ वहीं पर रहता है दिल भी मेरा,..!!! सांझ_सवेरे हर पल
बस इक ख्याल तेरा...!!!
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Sunday, April 26, 2020

वो मेरी कमजोरियों से

वो मेरी कमजोरियों से

कितने वाकिफ़ थे वो मेरी कमजोरियों से,

वो रो देते थे और मैं हार जाता था ….

Kitne waakif the wo meri kamjoriyon se,

Wo ro dete the aur main haar jaata tha ….




खेलने दो उनको,

कि जब तक उनका दिल ना भरे…

जब इश्क़ चार दिनों का था,

तो शौंक कितने दिनों का होगा !!

Khelne do unko,

Ki jab tak unka dil naa bhare…

Jab ishq chaar dino ka tha,

To shaunk kitne dino ka hoga !!






बिख़री-बिख़री सी है हम दोनों की ये ज़िन्दगी,

तुझे सुकून की चाहत है और मुझे तेरी !!

Bikhri-bikhri hai hum dono ki ye zindagi,

Tujhe sukoon ki chaahat hai aur mujhe teri






इतना भी ना तड़पा मुझे ऐ ज़िन्दगी,
.
.
मोहब्बत ही की थी किसी का क़त्ल तो नहीं…

Itna bhi naa tadpa mujhe E zindagi,
.
.
Mohabbat hi ki thi kisi ka katl to nahi….




मोहब्बत लिखनी चाही तो कलम ही टूट गई,

ये बोलकर अगर लिखने से मोहब्बत मिलती,

तो आज अपने प्यार से जुदा होकर कोई बिखरता नहीं !!

Mohabbbat likhni chaahi to kalam hi toot gai,

Ye bolkar agar likhne se mohabbat milti,

To aaj apne pyaar se judaa hokar koi bikhartaa nahi…




डूब जाऊँगा मैं किसी साँझ सूरज की तरह,

और तुम देखती रह जाओगी किनारों को बस यूँही…

Doob jaaunga main kisi saanjh sooraj ki tarah…

Aur tum dekhti reh jaogi kinaaro ko bus yoon hi…






दर्द का एहसास समझना है तो प्यार करके तो देखो,
अपनी नज़रों में किसी को उतार कर तो देखो,
जब चोट लगेगी तो खुद-ब-खुद बहने लगेंगे तुम्हारी आँखों से आंसू,
यह एहसास आजमाना है तो अपना दिल हार कर देखो…

Dard ka ehsaas samajhna hai to pyaar karke to dekho,
Apni nazron mein kisi ko utaar kar to dekho
jab chot lagegi to khud-b-khud behne lagenge tumhari ankhon se aansoon,
yeh ehsaas aajmaana hai to apna dil haar kar to dekho…






दर्द के पल कब मुझपर आसान बने,
जो दर्द बह ना पाए इन आँखों से,
वो सब तूफां बने।

Dard ke pal kab mujhpar aasan bane,
Jo dard beh naa paaye in aankhon se,
Wo sab toofaan bane…





जो रिश्ते दिल में बसते हैं,
बस वो ही लम्बे चला करते हैं,
नज़रों में बसने वाले,
हर दिन बदला करते हैं।

Jo rishte dil mein baste hain,
Bus wo hi lambe chala karte hain,
Nazron mein basne waale,
Har din badla karte hain…






जिन्हे पता है कि अकेलापन क्या तकलीफ़ देता है,
वो लोग अक्सर औरों के लिए मौज़ूद रहते हैं

Jinhe pata hai ki akelaapan kya takleef eta hai,
Wo log aksar auron ke liye maujood rehte hain…






सोचा था दर्द-ए-दिल,
बताऊंगा तुझको अपना,
लेकिन तूने तो ये भी नहीं पूछा,
कि क्यों खामोश हूँ मैं..

Socha tha dard-e-dil,
bataunga tujhko apna…
Lekin tune to ye bhi nahi poochha,
ki kyon khaamosh hoon main






दिल से रोया अपने पर अपने होंठों से मुस्कुरा बैठा,
यूँही मैं किसी गैर से वफ़ा निभा बैठा,
वो मुझे एक लम्हा भी ना दे पाए अपने प्यार का,
और मैं उस बेवफ़ा के लिए अपनी ज़िन्दगी गँवा बैठा |

Dil se roya apne par honthon se muskuraa baitha,
Yoonhi main kisi gair se vafaa nibha baitha,
Wo mujhe ek lamhaa bhi na de paaye apne pyaar ka,
Aur main us bewafaa ke liye apni zindagi ganwaa baitha…







जब भी आती है तेरी याद

जब भी आती है तेरी याद तो मुस्कुरा लेती हूँ,

कुछ पल के लिए ही सही सारे दुःख भुला लेती हूँ,

कैसे भीगेंगी तेरी ये आँखें,

जब तेरे हिस्से के आँसू मैं बहा लेती हूँ

Jab bhi aati hai teri yaad to muskura leti hoon,

Kuchh pal ke liye hi sahi saare dukh bhula leti hoon,

Kaise bheegengi teri ye aankhein,

Jab tere hisse ke aansoo main bahaa leti hoon...





तुम्हारी बेवफ़ाई ने,
कुछ ऐसा सिला दिया हमें,
ज़हर कम्बख़्त जुदाई का,
पिला दिया हमें।

Tumhari bewafai ne,
Kuchh aisa silaa diya humein,
Zahar kambakht judaayi ka,
Pilaa diya humein…




ज़रा गौर से पढ़ा कीजिये,
हमारे अल्फ़ाजों को,
क्योंकि किसी के लिए हमने,
सच में ज़िन्दगी तबाह की है अपनी।

Jara gaur se padha kijiye
Hamare alfaajon ko,
Kyonki kisi ke liye humne,
Sach mein zindagi tabaah ki hai apni..





बड़े ही दुःख देते हैं वो ज़ख्म, जो हमें बिना हमारी गलती के मिले हों…

Bade hi dukh dete hain wo zakhm, Jo humein bina hamari galti ke mile hon





बड़े ही मासूम होते हैं आँख के आँसू,
सिर्फ उनके लिए ही बहते हैं,
जिन्हे इनकी क़दर नहीं होती।

Bade hi maasoom hote hain aankh ke aansoo,
Sirf unke liye hi behte hain,
Jinhe inki kadar nahi hoti…




तबाह कर दी मेरी ज़िन्दगी उसने,
मोहब्बत के नाम पर,
बेवफ़ाई ही मिली नसीब में,
हमें वफ़ा के नाम पर,
जख्म ऐसे गहरे दिए उसने,
दवा के नाम पर,
कि ख़ुदा भी रो पड़ा,
मेरे इश्क़ के अंजाम पर

Tabaah kar di meri zindagi usne,
Mohabbat ke naam par,
Bewafai hi mili naseeb mein,
Humein wafa ke naam par,
Jakham aise gahre diye usne,
Dawa ke naam par,
Ki khuda bhi ro pada,
Mere iskq ke anjaam par….





की थी मोहब्बत जब हमने,
तो उसका अंजाम किसे मालूम था,
मिलेगा दर्द वफ़ा के बदले,
यह ईनाम किसे मालूम था

Ki thi mohabbat humne,
To uska anjaam kise maaloom tha,
Milega dard wafa ke badle
Yeh inaam kise maaloom tha






यूं बदलने का अंदाज,
ज़रा हमें भी सीखा दो,
जैसे हो गए हो तुम बेवफ़ा ,
वैसे हमें भी बना दो

Yoon badalne ka andaaj,
Jara hume bhi sikha do,
Jaise ho gaye tum bewafa,
Waise humein bhi bana do





इश्क़ हम दोनों ने ही किया था,

बस फ़र्क़ इतना है कि,

हमने बहुत किया था,

और उन्होंने बहुतों से किया था…

Ishq hum dono ne hi kiya tha,

Bus farq itna hai ki

Humne bahut kiya tha,

Aur unhone bahuto se kiya tha






ना दिन ढंग से गुजरता है,
ना रात को नींद आती है,
क्या करूँ मैं ऐ दोस्त मेरे,
तेरी याद बहुत सताती है ….

Naa din dhang se gujarata hai,
Naa raat ko neend aati hai,
Kya karoon main e-dost mere,
Teri yaad bahut sataati hai ….





राह-ए-मोहब्बत में,

हर एक बात अज़ीब होती है,

किसी को मोहब्बत,

तो किसी को बेरुखी नसीब होती है

Raah-e-mohabbat mein,

Har ek baat ajeeb hoti hai,

Kisi ko mohabbat,

To kisi ko berukhi naseeb hoti hai






बहुत मुश्किल से दिल लगाया जाता है,

बहुत मुश्किल से वादा निभाया जाता है,

ले आता है इश्क़ हमें उस मोड़ पर,

जहाँ पर दीया नहीं दिल जलाया जाता है…

Bahut mushkil se dil lagaaya jaata hai,

Bahut mushkil se vaada nibhaaya jaata hai,

Le aata hai ishq humein us mod par,

Jahan par diya nahi dil jalaaya jaata hai






तुम्हारे रोज-रोज के वादों पर,

यूँही मर जाऊँगा मैं,

अगर तुम ऐसे ही गुजरे,

तो गुजर जाऊँगा मैं…

Tumhaare waadon par,

Yoonhi mar jaaunga main,

Agar tum aise hi gujre,

To gujar jaaunga main…