अपने ख़िलाफ़ फैसला ख़ुद ही लिखा है आपनेहाथ भी मल रहे हैं आप, आप बहुत अजीब हैं
अब नहीं बात कोई ख़तरे कीअब सभी को सभी से ख़तरा हैकोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक सेये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फासले से मिला करोये जो मिलाते फिरते हो तुम हर किसी से हाथऐसा न...
अपने ख़िलाफ़ फैसला ख़ुद ही लिखा
