Sunday, April 12, 2020

Haqiqat Bas Nasha Hai

पैमाना, उँगलियों में सिगरेट फँसा है,
धुआँ धुआँ यादें हैं, हकीकत बस नशा है.



Kal raat jab main so rha tha tab koi roo rha tha
Meri ankhe khuli

To vo mera dil tha jo cigarette ke liye roo rha tha
Kyoki ek din phele maine usse kha maine cigarette chord di!!




जले इसी बहाने कितने सिगरेट, की इक कश मौत थी, इक कश जिंदगी.




उंगलियो में पकड़ी सुलगी हुई सिगरेट को देख ये ख्याल आया
मैं इसे फूँक रहा हूँ या ये मुझे!



बेचैनी जब भी बढ़ती है, धुंए में उड़ा देता हूँ,
और लोग कहते हैं मैं सिगरेट बहुत पीता हूँ.



Ji raha hu jane dum kab niklega,
Is aas main jalayi hai maine ek or cigarette,
Ki isse dhuan nhi janaza niklega.




मेने अपनी बैचेनी का एक हिस्सा जलाया था कुछ देर पहले,
लोगो को सिर्फ Cigarette नज़र आई.




एक सिगरेट सी मिली तू मुझे..
ए आशिकी कश एक पल का लगाया था लत उम्र भर की लग गयी|




Khayal-E-Yaar ki har Aah pe cigarette,
Dhuan Dhuan hai meri zindgi yaqenen jano.