Saturday, April 11, 2020

बनके अजनबी मिले

बनके अजनबी मिले है ज़िंदगी के सफर में
इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं
अगर याद करना फितरत है आपकी
तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं ।।




दर्द बन कर दिल में छुपा कौन है
रह रह कर इसमें चुभता कौन है
एक तरफ दिल है और एक तरफ आइना
देखते है इस बार पहले टूटता कौन है ।।




पत्ते गिर सकते है पर पेड़ नहीं
सूरज दुब सकता है पर आसमान नहीं
धरती सुख सकती है पर सागर नहीं
तुम्हे दुनिया भूल सकती है पर Sahil नहीं ।।




चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा
मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा
ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में
बस किनारे पर बैठा पथर फेंकता रहा ।।




 

 मेरी दोस्ती की कहानी आपसे है
इन साँसों की रवानी आपसे है
ऐ दोस्त मुझे कभी बुला ना देना
इस दोस्त ली ज़िंदगानी आपसे है ।।




0 Comments: