जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी।
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
Jakhm Itna Gehra Hai Izhaar Kya Kare.
Ham Khud Nishan Ban Gy Oro Ka Kya Kare.
Mar Gy Ham Magar Khuli Rahi Akhein.
Kyuki Hamari Akhon Ko Unka Intezar Hai.
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो।
वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो।
कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको।
क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो।
Wo Baat Kya Kare Jiski Koi Khabar Na Ho.
Wo Dua Kya Kare Jiska Koi Asar Na Ho.
Kese Keh De Ki Lag Jay Hamari Umar Apko.
Kya pta Agle Pal Hamari Umer Na Ho.
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही।
ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही।
जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है।
मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही।
Mohabbat Mukaddar Hai Koi Khwab Nahi.
Ye Wo Ada Hai Jisme Har Koi Kamyab Nahi
Jise Milti Manzil Ungliyo Pe Wo Khush Hai.
Magar Jo Pagal Hue Unka Koi Hisab Nahi.
दर्द को दर्द अब होने लगा है।
दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है।
अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा।
क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है।
Dard Ko Dard Ab Hone Laga Hai.
Dard Apne Gam Pe Khud Rone Lga Hai.
Ab Hame Dard Se Dard Nahi Lagega.
Kyuki Dard Hame Chhu Kar Khud Sone Laga Hai.
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे।
आँखों से मोती निकलते रहेगे।
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो।
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।
Dil Mai Arzu Ke Diye Jalte Rahege.
Akho Se Moti Nikalte Rahege.
Tum shama Ban Kar Dil Me Roshni Karo.
Ham Mom Ki Tarah Pighalte Rahege.
सामने मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना ।
जो मन मे हो वो ख़्वाब ना तोड़ना ।
हर कदम पर मिलेगी सफ़लता ।
बस आसमान छूने के लिए जमीन ना छोड़ना ।
Samne Manzil To Raste Na Modna.
Jo Man Me Ho Wo Khwab Na Todna.
Har Kadam Par Milegi Safalta.
Bas Aasman Chhune Ke Liye Zameen Na Chhodna.
प्यार में मौत से डरता कोन है ।
प्यार हो जाता है करता कोन है।
आप जैसे यार पर हम तो क्या सारी दुनियां फिदा है।
लेकिन हमारी तरह आप पर मरता कौन है।
Pyar Mai Mot Se Darta Kon Hai.
Pyar Ho Jata Hai Karta Kon Hai.
Aap Jese Yaar Par Ham To Kya Sari Duniya Fida Hai.
Lekin Hamari Tarah Aap Par Marta Kon Hai.
चेहरे पर हँसी छा जाती है।
आँखों में सुरूर आ जाता है।
जब तुम मुझे अपना कहते हो।
अपने आप पर ग़ुरूर आ जाता है।
Chehre Par Hasi Chha Jati Hai.
Akhon Mai Surur Aa Jata Hai.
Jab Tum Mujhe Apna Kehte Ho.
Apne Aap Par Gurur Aa Jata Hai
उदास नज़रो में ख़्वाब मिलेंगे।
कभी काटे तो कभी गुलाब मिलेंगे।
मेरे दिल की किताब को मेरी नज़रो से पढ़ कर तो देखो।
कही आपकी यादे तो कही आप मिलेंगे ।
Udaas Nazro Mai Khwab Milege.
Kabhi Kaaten To Kabhi Gulaab Milege.
Mere Dil Ki Kitaab Ko Meri Nazro Se Padh Kar To Dekho
Kahi Apko Yade To Kahi Aap Milege
हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे।
कभी चाहा किसी ने खुद तुम कहोगे।
हम ना होंगे तो ये आलम ना होगा।
मिलेंगे बहुत से पर हम सा कोई पगल ना होगा ।
Hamare Bina Adhure Tum Rahoge.
Kabhi Chaha Kisi Ne Khud Tum Kahoge.
Ham Na Hoge To Ye Alam Na Hoga.
Milege Bhut Se Magar Ham Sa Koi Pagal Na Hoga.
ना समझो कि हम आपको भुला सकेंगे।
आप नही जानते की दिल मे छुपा कर रखेंगे।
देख ना ले आपको कोई हमारी आँखों मे दूर से।
इसी लिए हम पालखे झुका के रखेंगे।
Na Samjho Ki Ham Apko Bhula Sakege.
Aap Nahi Jante Ki Dil Me Chhupa Kar Rakhege.
Dekh Na Le Apko Koi Hamari Akhon Mai Door Se.
Isi Liye Ham Palkhe Jhuka Ke Rakhege.
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