Sunday, April 12, 2020

“कितना बुरा लगता है,

“कितना बुरा लगता है, जब बादल हो और बारिश ना हो, जब आंखे हो और ख़्वाब ना हो, जब कोई अपना हो और कोई पास ना हो।”


“ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा दुख दिल टूटने पर नही भरोसा टूटने पर होता है, क्योंकि हम किसी पर भरोसा कर के ही दिल लगाते है।”



“किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे लिख लेते हो, मैंने कहा दिल तोड़ना पड़ता है, लफ़्ज़ों को जोड़ने से पहले”



“तेरी मोहब्बत को कभी खेल नहीं समझा, वरना खेल तो इतने खेले है मैंने कि कभी भी हारा नहीं”



“कुछ गैर मुझे ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए और कुछ अपने ऐसे मिले जो मुझे गैर का मतलब बता गए।”




कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह।



अगर कुछ सीखना है तो खामोशी को पढ़ना सीख लो..वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो हजारों निकलते है।





भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत, 
तो भूलके तुमको संभालना हमें भी आता है,
मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना, 
तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है।



बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ,
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ,
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को,
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ।





मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी..बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी..खुदा से दुआ मांगी मरने की..लेकिन उसने भी तड़पने के लिए ज़िन्दगी दे दी।





उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब था, अपना भी नही बनाया और किसी और का भी ना होने दिया।





तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।




यू ना कहो के ये किस्मत की बात है…मुझे बर्बाद करने में तुम्हारा भी हाथ है।




हमने मुहब्बत के नशे में आकर उसे खुदा बना डाला..होश तब आया जब उसने कहा खुदा किसी एक का नही होता।





इश्क हमें जीना सिखा देता है,
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है।
इश्क नहीं किया तो करके देखो जालिम,
हर दर्द सहना सीखा देता है।।




जिस दिन आप ज़मीन पर आए..वो आसमान भी खूब रोया था, आखिर उसके आंसू थमते भी कैसे उसने हमारे लिये अपना सबसे प्यारा सितारा खोया था।





कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।




कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को, यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है.






टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
कि मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी।





वक़्त के साथ सब कुछ बदल जाता है…लोग भी, रिश्ते भी, एहसास भी और कभी कभी हम खुद भी।



मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।



कल रात को खोल कर देखी यादो की किताब..रो पड़े की क्या क्या खोया है हमने ऐ ज़िंदगी।





मुझे इश्क है बस तुमसे नाम बेवफा मत देना,
गैर जान कर मुझे इल्जाम बेवजह मत देना,
जो दिया है तुमने वो दर्द हम सह लेंगे मगर,
किसी और को अपने प्यार की सजा मत देना ।।





काश कोई इस तरह वाकिफ हो मेरी ज़िन्दगी से कि में  रोऊँ और वो मेरे आँसू पढ़ ले।





दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में;
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता





दुनियां बहुत मतलबी है, साथ कोई क्यों देगा, मुफ़्त का यहाँ कफन नही मिलता, तो बिना गम के प्यार कौन देगा।



अगर कोई आप पर आँख बंद करके भरोसा करे, तो आप उसका भरोसा तोड़ कर ये अहसास मत करवाओ कि वो अंधा है।





दिल में हर राज़ दबा कर रखते है,
होंटो पर मुस्कुराहट सजाकर रखते है,
ये दुनिया सिर्फ खुशी में साथ देती है,
इसलिए हम अपने आँसुओ को छुपा कर रखते है।






कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख्मी नही होते, रास्ते गवाह है, बस कमबख्त गवाही नही देते।





बहुत खुशनसीब होते है वो लोग, जिनका प्यार उनकी कदर भी करता है और इज़्ज़त भी।




हँसी ने लबों पे थिरकना छोड़ दिया है,
ख्वाबों ने पलकों पे आना छोड़ दिया है,
नही आती अब तो हिचकियाँ भी,
शायद आप ने भी याद करना छोड़ दिया है.




“शक करने से शक बढ़ता है, भरोसा करने से भरोसा बढ़ता है, ये आपकी इच्छा है कि आप किस तरफ बढ़ना चाहते हो।”









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