Mil Bhi Jate Hain Toh Katra Ke Nikal Jate Hain,
Hain Mausam Ki Tarah Log.... Badal Jaate Hain,
Hum Abhi Tak Hain Giraftar-e-Mohabbat Yaaro,
Thokarein Kha Ke Suna Tha Ke Sambhal Jate Hain.
मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,
हैं मौसम की तरह लोग... बदल जाते हैं,
हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों,
ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं।
चमन में जो भी थे नाफ़िज़ उसूल उसके थे,
तमाम कांटे हमारे थे और फूल उसके थे,
मैं इल्तेज़ा भी करता तो किस तरह करता,
शहर में फैसले सबको कबूल उसके थे।
ख्वाब था बिखर गया ख्याल था मिला नहीं,
मगर ये दिल को क्या हुआ ये क्यूँ बुझा पता नहीं,
तमाम दिन उदास दिन तमाम शब् उदासियाँ,
किसी से कोई बिछड़ गया जैसे कुछ बचा नहीं।
जुस्तजू खोये हुए की उम्र भर करते रहे,
चाँद के हमराह हम हर शब सफ़र करते रहे,
रास्तों का इल्म था न हमको सिम्तों की खबर,
शहर-ए-नामालूम की चाहत मगर करते रहे।
Hain Mausam Ki Tarah Log.... Badal Jaate Hain,
Hum Abhi Tak Hain Giraftar-e-Mohabbat Yaaro,
Thokarein Kha Ke Suna Tha Ke Sambhal Jate Hain.
मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,
हैं मौसम की तरह लोग... बदल जाते हैं,
हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों,
ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं।
Chaman Mein Jo Bhi They Naafiz Usool Uske They,
Tamaam Kaante Hamaare They Aur Phool Uske They,
Main Iltejaa Bhi Kartaa Toh Kis Tarha Kartaa,
Shahar Mein Faisle Sabko Qabool Uske They.
Tamaam Kaante Hamaare They Aur Phool Uske They,
Main Iltejaa Bhi Kartaa Toh Kis Tarha Kartaa,
Shahar Mein Faisle Sabko Qabool Uske They.
चमन में जो भी थे नाफ़िज़ उसूल उसके थे,
तमाम कांटे हमारे थे और फूल उसके थे,
मैं इल्तेज़ा भी करता तो किस तरह करता,
शहर में फैसले सबको कबूल उसके थे।
Khawab Tha Bhikar Gaya Khayal Tha Mila Nahi,
Magar Ye Dil Ko Kya Hua Ye Kyu Bujha Pata Nahi,
Tamaam Din Udaas Din Tamaam Shab Udasiyan,
Kisi Se Koi Bichhad Gaya Jaise Kuch Bacha Nahi.
Magar Ye Dil Ko Kya Hua Ye Kyu Bujha Pata Nahi,
Tamaam Din Udaas Din Tamaam Shab Udasiyan,
Kisi Se Koi Bichhad Gaya Jaise Kuch Bacha Nahi.
ख्वाब था बिखर गया ख्याल था मिला नहीं,
मगर ये दिल को क्या हुआ ये क्यूँ बुझा पता नहीं,
तमाम दिन उदास दिन तमाम शब् उदासियाँ,
किसी से कोई बिछड़ गया जैसे कुछ बचा नहीं।
Justajoo Khoye Huye Ki Umar Bhar Karte Rahe,
Chaand Ke Humraah Hum Har Shab Safar Karte Rahe,
Raaston Ka ilm Tha Na Hum Ko Simton Ki Khabar,
Shahar-e-NaMaloom Ki Chaahat Magar Karte Rahe.
Chaand Ke Humraah Hum Har Shab Safar Karte Rahe,
Raaston Ka ilm Tha Na Hum Ko Simton Ki Khabar,
Shahar-e-NaMaloom Ki Chaahat Magar Karte Rahe.
जुस्तजू खोये हुए की उम्र भर करते रहे,
चाँद के हमराह हम हर शब सफ़र करते रहे,
रास्तों का इल्म था न हमको सिम्तों की खबर,
शहर-ए-नामालूम की चाहत मगर करते रहे।