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भटके मुसाफ़िर को अब्र-ए-बहार की राह मिले
अंधेरा रात का हटे सुब्ह-ए-नौ की सौगात मिले
होगी इनायत साहिर, कर दे कोई तिलिस्म ऐसा
दीदार-ए-यार हो जाए, हर ग़म से निजात मिले
@ShayariByArsalan
कौन कहता है मैं शायरी शौक के लिए करता हूं
बहुत कुछ नही बोल पाता तो कलम उठा लेता हूं।
@ShayariByArsalan
बहुत से मुकाम है जो अधूरे रह गए
जिंदगी पूरी हो गई और साथ अधूरे रह गए।
@ShayariByArsalan
कितना कुछ कहना था तुम्हे अपने बारे में
इतनी भी क्या जल्दी थी तुझे हाथ छुड़ाने की।
@ShayariByArsalan
हर इंसान मिलता है अलग बताते हुए
हर इंसान अलग तरीके से मुझे बरबाद किया।
@ShayariByArsalan
बीती बातों को याद कर के मुस्करा लेता हूं
मुझे किसी नए याद की जरूरत नही है जनाब।
@ShayariByArsalan
उड़ गया जो विश्वाश का परिंदा एक बार
लाख बाग सजा लो परिंदे में वो बात नही रहती।
@ShayariByArsalan
आओ बदल लो अपना दिल मेरे दिल से
हम सिखाएंगे कि दूसरे का दिल रखते कैसे है।
@ShayariByArsalan
रखना था सब कुछ सुना कर तुम्हे
लेकिन गैरो से तुम्हारी बनती बहुत है।
@ShayariByArsalan
किसी के इश्क़ में ऐसे मरो कि मरने पर
फ़क़ीर , शाह , क़लंदर , ग़ुलाम रोने लगें
@ShayariByArsalan
छोड़ दिया सफाई देना
मिन्नते करना और मनाना
जिसको मिलना है मिले
बात करनी है करे
वरना आगे बढ़े
@ShayariByArsalan
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