Tuesday, July 13, 2021

भटके मुसाफ़िर को अब्र-ए-बहार की राह मिले

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भटके मुसाफ़िर को अब्र-ए-बहार की राह मिले
अंधेरा रात का हटे सुब्ह-ए-नौ की सौगात मिले

होगी इनायत साहिर, कर दे कोई तिलिस्म ऐसा
दीदार-ए-यार हो जाए, हर ग़म से निजात मिले
@ShayariByArsalan













कौन कहता है मैं शायरी शौक के लिए करता हूं

बहुत कुछ नही बोल पाता तो कलम उठा लेता हूं।
@ShayariByArsalan

















बहुत से मुकाम है जो अधूरे रह गए

जिंदगी पूरी हो गई और साथ अधूरे रह गए।
@ShayariByArsalan












कितना कुछ कहना था तुम्हे अपने बारे में 

इतनी भी क्या जल्दी थी तुझे हाथ छुड़ाने की।
@ShayariByArsalan









हर इंसान मिलता है अलग बताते हुए

हर इंसान अलग तरीके से मुझे बरबाद किया।
@ShayariByArsalan














बीती बातों को याद कर के मुस्करा लेता हूं

मुझे किसी नए याद की जरूरत नही है जनाब।
@ShayariByArsalan













उड़ गया जो विश्वाश का परिंदा एक बार

लाख बाग सजा लो परिंदे में वो बात नही रहती।
@ShayariByArsalan












आओ बदल लो अपना दिल मेरे दिल से

हम सिखाएंगे कि दूसरे का दिल रखते कैसे है।
@ShayariByArsalan













रखना था सब कुछ सुना कर तुम्हे

लेकिन गैरो से तुम्हारी बनती बहुत है।
@ShayariByArsalan












किसी के इश्क़ में ऐसे मरो कि मरने पर

फ़क़ीर , शाह , क़लंदर , ग़ुलाम रोने लगें
@ShayariByArsalan











छोड़ दिया सफाई देना
मिन्नते करना और मनाना

जिसको मिलना है मिले
बात करनी है करे 
वरना आगे बढ़े 
@ShayariByArsalan

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