आज सारा संसार चकित क्यो हैं ?
C#*0Rona इतना जटिल क्यो है ?
अमेरिका हो इटली या हो चाइना ,
korona सबको दिखा रहा है एक आईना ।
कोरोना के सामने सब घुटने टेक रहे है,
आंखो के सामने अपनों की मौत देख रहे हैं,
दे रहा दर्द सबको ये कोरोना…..
आज मुश्किल हो रहा हैं इसे हराना,
आखिर कब तक lockdown का खेल चलता रहेगा,
गरीब भूख की आग मे कब तक जलता रहेगा
जिंदगी थम सी गई है किनारा नज़र नहीं आता,
गली हो या महोल्ला , किसी का सहारा नज़र नहीं आता,
खुद को खुद से कैद करने का ये सफर,ये भी अजीब इत्तेफाक है कि….
इसी बहाने लोग अपनों के करीब हो गए,
अमीर , अमीर ही रह गए ……. और
गरीब और भी गरीब हो गए।
फूटपाथ पर सोने वाले , रोज मजदूरी करने वाले कहाँ जाएँ बताओ तुम आज
रोजी रोटी से दूर हो गए….. फिर मौत के और भी करीब हो गए।
संसार स्तब्ध है मौन है और लाचार भी है,
कहीं सन्नाटा तो कहीं हाहाकार भी है ,
पंछी पेड़ो से ये पूछते है ….इस सहर का इंसान कहाँ है,
क्या हुआ जो सन्नाटा और सुनसान यहाँ है,
ये इंसान थोड़ा सब्र कर…..
तेरा भी खुदा यहाँ हैं और मेरा भी भगवान यहाँ हैं।
खेतो पर है तैयार फसल मैं तो किसान हूँ ,
इस lockdown से आज मैं परेशान हूँ
आप घर पर ही रहो पर मुझे खेत पर जाना है,
फसल उगाना है , आपके पहुंचाना है,
CORONA CORONA CORONA है सबके जुबां पर यही है आज,
कोरोना को हराना है सबके जुबां पर यही हैं आज ,
मिलकर सबको इससे लड़ना है, सबके जुबां पर यही है आज
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