खता उनकी भी नहीं है वो क्या करते, हजारों चाहने वाले थे किस-किस से वफ़ा करते।
कत्ल हुआ हमारा इस तरह किस्तों में, कभी खंजर बदल गए, कभी कातिल बदल गए।
रहता तो नशा तेरी यादों का ही है, कोई पूछे तो कह देता हूँ पी राखी है।
दर्द मुझको ढूंढ लेता है, रोज नए बहाने से, वो हो गया वाकिफ़, मेरे हर ठिकाने से।
मैं तो रह लूंगा तुझसे बिछड़ कर तन्हा भी, बस दिल का सोचता हूँ, कहीं धडकना न छोड़ दे!!
कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर, एक लापरवाह लड़का क्यों तेरी परवाह करता था…
छोड़कर अपनी यादों की निशानियां मेरे दिल में, वो भी चले गये वक्त की तरह।
टूट कर चाहना और फिर टूट जाना, बात छोटी है मगर जान निकल जाती है।
मौहब्बत की मिसाल में बस इतना ही कहूँगा… बेमिसाल सज़ा है, किसी बेगुनाह के लिए!!
कल रात का आलम इस कदर था यारो, उसकी यादों ने मेरी आँखो को सोने ना दिया!!
बहुत मासूम होते है ये आँसू भी, ये गिरते उनके लिए है, जिन्हें परवाह नहीं होती।
मुझे जिस चिराग से प्यार था… मेरा सब कुछ उसी ने जला दिया…
चले जायेंगे एक दिन, तुझे तेरे हाल पर छोड़कर… कदर क्या होती हैं प्यार की, तुझे वक़्त ही सीखा देगा…
माफ़ी चाहता हूँ गुनेहगार हूँ तेरा ऐ दिल, तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं।
हमे क्या पता था, आसमान इस कदर रो पडेगा, हमने तो बस उसे अपनी दास्तां सुनाई थी!!
शायरी के लिए कुछ ख़ास नहीं चाहिए, एक यार चाहिए और वो भी दगाबाज चाहिए।
लगता है मैं भूल चुका हूँ, मुस्कुराने का हुनर, कोशिश जब भी करता हूँ, आँसू निकल आते हैं..!
मैने माँगा था थोड़ा सा उजाला अपनी जिंदगी में, चाहने वालों ने तो आग ही लगा दी।
ख्वाहिश तो न थी किसी से दिल लगाने की, पर किस्मत में दर्द लिखा हो तो मुहब्बत कैसे ना होती।
किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी मेरी खुदा ने, बस वही पन्ना गुम था जिसमें मुहब्बत का जिक्र था।
न जाने कौन सी साजिशों के हम शिकार हुए, जितना साफ दिल रखा उतने ही हम दागदार हुए।
मत पूछ मुझे… क्या गम है! तेरे वादे पे ज़िंदा हूँ, क्या कम है!!
वो सोचती होगी बड़े चैन से सो रहा हूँ मैं, उसे क्या पता ओढ़ के चादर रो रहा हूँ मैं।
निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला की… हर वह शख्स अकेला है, जिसने मोहब्बत की है!
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